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LBRY Claims • उत्साह-की-उलटी-3

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18 Apr 2024 20:20:34 UTC
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उत्साह की उलटी गिनती: पृथ्वी पर राष्ट्रों का संकट, घबराहट के साथ; समुद्र और गरजती हुई लहरें; (Hindi)
और सूर्य, और चान्द, और तारोंमें चिन्ह होंगे; और पृय्वी पर जाति जाति के लोग व्याकुलता से संकट में पड़ जाएंगे; समुद्र और गरजती हुई लहरें;<br />लूका 21:25<br /><br />ल्यूक 21:<br />1 और उस ने आंख उठाकर क्या देखा, कि धनवान लोग अपना अपना दान भण्डार में डाल रहे हैं।<br /><br />2 और उस ने एक कंगाल विधवा को भी दो चूहे फेंकते देखा।<br /><br />3 और उस ने कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि इस कंगाल विधवा ने सब से अधिक डाला है।<br /><br />4 क्योंकि इन सभों ने अपनी बहुतायत में से परमेश्वर के लिये दान किया है; परन्तु उस ने अपनी कंगाली में से अपना सब कुछ डाल दिया है।<br /><br />5 और जैसे कोई मन्दिर के विषय में कहते थे, कि वह कैसे सुन्दर पत्थरोंऔर भेंटोंसे सजी हुई है, उस ने कहा,<br /><br />6 ये बातें जो तुम देखते हो, ऐसे दिन आएंगे, कि एक पत्थर पर दूसरा पत्थर न छोड़ा जाएगा, जो ढाया न जाएगा।<br /><br />7 और उन्होंने उस से पूछा, हे गुरू, ये बातें कब होंगी? और जब ये बातें पूरी होंगी तब क्या चिन्ह होगा?<br /><br />8 और उस ने कहा, चौकस रहो, कि धोखा न खाओ; क्योंकि बहुतेरे मेरे नाम से आकर कहेंगे, मैं मसीह हूं; और समय निकट आ गया है, इसलिये तुम उनके पीछे न हो जाओ।<br /><br />9 परन्तु जब तुम लड़ाइयोंऔर उपद्रवोंको सुनो, तो घबरा न जाना; क्योंकि पहिले इन बातोंका होना अवश्य है; लेकिन अंत कभी-कभी नहीं होता।<br /><br />10 तब उस ने उन से कहा, जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा;<br /><br />11 और जगह जगह बड़े बड़े भुईंडोल होंगे, और अकाल और महामारियां पड़ेंगी; और स्वर्ग से भयानक दृश्य और बड़े चिन्ह दिखाई देंगे।<br /><br />12 परन्तु इन सब से पहिले वे तुम पर हाथ उठाएंगे, और तुम्हें सताएंगे, और मेरे नाम के कारण तुम्हें आराधनालयों और बन्दीगृहों में पहुंचाकर राजाओं और हाकिमों के साम्हने पहुंचाएंगे।<br /><br />13 और वह तुम्हारे लिये गवाही ठहरेगा।<br /><br />14 इसलिये अपने अपने मन में ठान लो, कि क्या उत्तर दोगे उस पर पहिले विचार न करना।<br /><br />15 क्योंकि मैं तुझे ऐसी वाणी और बुद्धि दूंगा, कि तेरे सब विरोधी न बोल सकेंगे और न साम्हना कर सकेंगे।<br /><br />16 और तुम माता-पिता, और भाइयों, और कुटुम्बियों, और मित्रोंके द्वारा भी पकड़वाए जाओगे; और तुम में से कितनों को मार डाला जाएगा।<br /><br />17 और मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे।<br /><br />18 परन्तु तेरे सिर का एक बाल भी नाश न होगा।<br /><br />19 अपने सब्र से अपने प्राणों को वश में करो।<br /><br />20 और जब तुम यरूशलेम को सेनाओं से घिरा हुआ देखो, तो जान लेना कि उसका उजाड़ होना निकट है।<br /><br />21 तो जो यहूदिया में हों वे पहाड़ोंपर भाग जाएं; और जो उसके बीच में हों वे निकल जाएं; और जो लोग उन देशों में हों वे उनमें प्रवेश न करें।<br /><br />22 क्योंकि पलटा लेने के दिन यही हैं, कि जो कुछ लिखा है वह सब पूरा हो।<br /><br />23 परन्तु उन दिनोंमें जो गर्भवती और दूध पिलाती होंगी, उन पर हाय! क्योंकि देश में बड़ा संकट होगा, और इस प्रजा पर कोप भड़केगा।<br /><br />24 और वे तलवार के घाट उतारे जाएंगे, और सब देशों में बन्धुए होकर पहुंचाए जाएंगे; और जब तक अन्यजातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूशलेम अन्यजातियों के हाथ से रौंदा जाता रहेगा।<br /><br />25 और सूर्य, और चान्द, और तारोंमें चिन्ह होंगे; और पृय्वी पर जाति जाति क�<br />...<br /><a href="https://www.youtube.com/watch?v=tZa0NhFXYWo" target="_blank" rel="nofollow">https://www.youtube.com/watch?v=tZa0NhFXYWo</a>
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